झारखंड जितना खनिज संपदा से परिपूर्ण है, उतना ही पर्यटन स्थलों के लिए भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। राज्य में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं, जो अपने आप में रिकॉर्ड कायम किए हुए हैं। यहां के हर पर्यटन स्थल की अपनी कहानी है। पर्यटन स्थलों से जुड़ी ये कहानियां बरबस अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इनमें से एक स्थान है मैकलुस्कीगंज जो कभी गोरों का गांव हुआ करता था। जानकारों का कहना है कि उस समय यहां सूर्य अस्त नहीं होता था, यह झारखंड का मिनी लंदन के नाम से मशहूर है। वर्तमान में मैकलुस्कीगंज सैलानियों के लिए उपयुक्त स्थान है। समुद्र तल से 1500 फीट की ऊंचाई में अवस्थित झारखंड की राजधानी रांची से महज 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 1933 के दशक में बसा गोरो का गांव या मिनी लंदन के नाम से मशहूर मैकलुस्कीगंज पहुंच कर कुदरत के द्वारा प्रदत्त सौंदर्य का दीदार कर सकते हैं। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों, घने जंगलों के बीच शीशे-सी चमकती स्वच्छ पारदर्शी दामोदर नदी का दिदार होती है तो आंखों को सूकून मिलता है । मैकलुस्कीगंज में अंग्रेजों की विरासत हेरिटेज बंगले और उनकी सभ्यता संस्कृति से रुबरु होकर आप अचरज में पड़ जाएंगे। कुदरत का समृद्ध रुप घने जंगलों व पहाड़ी की तराई में बसा मैकलुस्कीगंज कुदरत का अनुपम उपहार है। इसका अंदाजा आपको मैकलुस्कीगंज के सीमा में प्रवेश करते ही लग जाएगा। पहाड़ियों व जंगलों के बीच घुमावदार सड़कें, सखुआ के ऊंचे-ऊंचे दरख्त, पक्षियों का मधुर कलरव आपका स्वागत करते मिलेगी। दूर-दूर तक हरे-भरे पेड़ों के बीच गुजरना आनंद विभोर कर देगा। सैलानियों को कम बजट में छुट्टियां मनाने के लिए उपयुक्त स्थान है मैकलुस्कीगंज।
झारखंड जितना खनिज संपदा से परिपूर्ण है, उतना ही पर्यटन स्थलों के लिए भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। राज्य में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं, जो अपने आप में रिकॉर्ड कायम किए हुए हैं। यहां के हर पर्यटन स्थल की अपनी कहानी है। पर्यटन स्थलों से जुड़ी ये कहानियां बरबस अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इनमें से एक स्थान है मैकलुस्कीगंज जो कभी गोरों का गांव हुआ करता था। जानकारों का कहना है कि उस समय यहां सूर्य अस्त नहीं होता था, यह झारखंड का मिनी लंदन के नाम से मशहूर है। वर्तमान में मैकलुस्कीगंज सैलानियों के लिए उपयुक्त स्थान है। समुद्र तल से 1500 फीट की ऊंचाई में अवस्थित झारखंड की राजधानी रांची से महज 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 1933 के दशक में बसा गोरो का गांव या मिनी लंदन के नाम से मशहूर मैकलुस्कीगंज पहुंच कर कुदरत के द्वारा प्रदत्त सौंदर्य का दीदार कर सकते हैं। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों, घने जंगलों के बीच शीशे-सी चमकती स्वच्छ पारदर्शी दामोदर नदी का दिदार होती है तो आंखों को सूकून मिलता है ।
Lyrical | Saiyaara Title Song | Ahaan, Aneet | Tanishk Bagchi, Faheem Abdullah, Arslan| Irshad Kamil